दवा भी देते हैं, दुआ भी

बेशक आप के लिए ओमकार नाथ शर्मा नाम अपरिचित सा लगने वाला हो, लेकिन इसकी संभावना कम ही है कि आपने मेडिसिन बाबा का नाम न सुना हो. जी हॉं, दिल्ली के रहने वाले 82 वर्षीय शर्मा जी को अधिकतर लोग इसी नाम से पहचानते हैं.

एक ब्लड टेक्नीशियन के रूप में सेवानिवृत्त होने के बाद, अपना जीवन जरूरतमंद मरीजों की मदद के लिए समर्पित कर देने वाले बाबा, पिछले करीब दो दशकों से देशभर के मरीजों को मुफ्त में उपलब्ध कराते आ रहे हैं. आप देश के किसी भी कोने में हों, आप बस उन्हें अपनी जरूरत  की दवाओं का पर्चा भेज दीजिये, वे दवाईयॉं बिना किसी खर्च के आपके कूरियर द्वारा आपके घर पहुँच जायेंगी.

इसके लिए बाबा दूसरों से सहायता लेने में भी कभी संकोच नहीं करते हैं. खासकर, ऐसे लोगों की जिनके घर में लोग बीमार पड़ने पर  दवायें खरीदकर लाते हैं और पूरी दवाईयों का इस्तेमाल नहीं कर पाते. शर्मा जी उन्हें समझाते हैं कि घर में पड़े-पड़े दवायें एक्सपायर हो जायें, इससे अच्छा है कि वे उन्हें ही दे दें ताकि वे उन्हें जरूरतमंदों तक पहुँचा सकें. बाबा की अपील असर दिखाती है और ऐसा बहुत कम होता है, जब उन्हें खाली हाथ लौटना पड़े. हालांकि उन्हें इस काम के लिए मेहनत बहुत करनी पड़ती है. 12 वर्ष की उम्र में एक कार एक्सीडेंट का शिकार हो जाने की वजह से वह लंगड़ाकर चलते हैं. इसके बावजूद वह हर रोज चार से पॉंच किलोमीटर पैदल चलते हैं.

अपने काम के विस्तार के लिए, उन्होंने जगह-जगह मेडिसिन डालने के लिए बॉक्स भी लगवायें हैं, जिनमें लोग अपनी अतिरिक्त दवाईयॉं डाल देते हैं. वहॉं से दवाईयों को उत्तम नगर स्थित दवाओं के लिए बने एक गोदाम में लाया जाता है, जहॉं फार्मा एक्स्पर्ट उन्हें अलग-अलग करके रखते हैं. हर रोज बाबा के यहॉं दवाईयॉं लेने के लिए आने वालों की लाइन लगी रहती है. लेकिन, अच्छी बात यह है कि जरूरतमंदों की संख्या के साथ-साथ इस नेक काम में उनका और उनकी संस्था मेडिसिन बाबा फाउंडेशन का साथ देने वाले परोपकारियों की संख्या भी काफी बड़ी है. फाउंडेशन को हर साल करीब 1.5 करोड़ रुपए की दवायें दान में मिलती हैं. इन दानदाताओं में भारत ही नहीं, बल्कि इंग्लैंड, कनाडा, फ्रांस, विएतनाम जैसे देशों के लोग भी शामिल हैं.

मेडिसिन बाबा अर्थात ओमकार नाथ शर्मा को उनके इस अद्भुत सेवा कार्य के लिए 2016 व 2017 में क्रमश: गौरव रत्न व शूरवीर अवार्ड प्रदान किये जा चुके हैं.  इसके अलावा, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश, बिहार के स्कूलों में पढ़ायी जाने वाली किताबों में भी उनके जीवन और कार्यों के बारे में बताया जाता है.

नोट: यदि आप या आपके किसी जानने वाले को दवाओं की जरूरत है तो 9250243298 पर डॉक्टर का प्रिस्क्रिप्शन व्हाट्सएप करके दवायें मंगायी जा  सकती हैं.

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